एक अजनबी सा है दिन, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सी है पहर, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सा है साया, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सी है हवा, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सी है फिज़ा, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सा है समां, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सी है शाम, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सा है जाम, कैसे जान पहचान करूँ ?
एक अजनबी सा है नाम, कैसे जान पहचान करूँ ?
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
शनिवार, 6 अगस्त 2011
शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
जवाब दे गयी
इन्हीं आँखों ने तेरा रस्ता तका था ,
आज इनकी हिम्मत जवाब दे गयी |
इन्हीं आँखों ने तेरा ख्वाब देखा था ,
आज इनकी शिददत जवाब दे गयी |
इन्हीं हाथों की लकीरों ने तुझे माँगा था ,
आज इनकी किस्मत जवाब दे गयी |
इन्हीं हाथों से अर्जी लगाई थी तेरे वास्ते ,
आज इनकी रिश्वत जवाब दे गयी |
इन्हीं पलकों पे रखना चाहा था तुझे ,
आज इनकी रहमत जवाब दे गयी |
इन्हीं पलकों को बिछाना चाहते थे ,
आज इनकी शराफत जवाब दे गयी |
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
आज इनकी हिम्मत जवाब दे गयी |
इन्हीं आँखों ने तेरा ख्वाब देखा था ,
आज इनकी शिददत जवाब दे गयी |
इन्हीं हाथों की लकीरों ने तुझे माँगा था ,
आज इनकी किस्मत जवाब दे गयी |
इन्हीं हाथों से अर्जी लगाई थी तेरे वास्ते ,
आज इनकी रिश्वत जवाब दे गयी |
इन्हीं पलकों पे रखना चाहा था तुझे ,
आज इनकी रहमत जवाब दे गयी |
इन्हीं पलकों को बिछाना चाहते थे ,
आज इनकी शराफत जवाब दे गयी |
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
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