ये न कोई हार है |
तेरे बल का माप है ,
फिर युद्घ कि ललकार है |
शूर है तू , वीर है तू ,
कर सिंहनाद ,
स्वीकार है , स्वीकार है |
एक बार गिरने से तू ,
हारा नहीं हो जाता |
हारा वो है जिससे गिरकर,
दुबारा उठा नहीं जाता |
मत हार हिम्मत ,
ये तो पहली बार है |
चींटी भी तब चढ़ पाती ,
जब गिरी सौ बार है |
पहचान इसे , ये युद्घ की ललकार है |
शूर है तू , वीर है तू ,
कर सिंहनाद ,
स्वीकार है , स्वीकार है |
अक्षत डबराल
निःशब्द
'मत हार हिम्मत ,
जवाब देंहटाएंये तो पहली बार है |
चींटी भी तब चढ़ पाती ,
जब गिरी सौ बार है |'
- यह हौसला जीवन में उन्नति का आधार है.
dhanyavaad maanyavar
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