भोले से दो नैना , सुनैना |
जगते रहे , जलते रहे |
हुई दिन से रैना |
सोते सूखे पानियों के ,रेगिस्तां बन बैठे |
रेत ही रेत है , पानी कैसे बहना ?
भोले से दो नैना , सुनैना |
कबसे यूँ थे आस लगाए ,तुमसे मिलना , कहना |
तक तक पथराये नैना , हैं ना ?
भोले से दो नैना , सुनैना |
अक्षत डबराल
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009
शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2009
कलम उठायी धीरे धीरे ,
शब्द चुने हीरे हीरे |
सुर के जोड़े कुछ सिरे ,
ग़ज़ल बनी धीरे धीरे |
मोती सी कुछ बूदें लीं,
बिजली सी फुलझरियां लीं |
दिए सी टिमटिमाती ,
मद्धम लय की लड़ियाँ लीं |
फूलों से कुछ खुशबू ली ,
हवाओं से कुछ नमी ली |
चाँद से ज़मीं पे आती ,
ठंडी धुली रौशनी ली |
भावों का लेकर धागा ,
ये सब उसमें पिरो दूँ धीरे धीरे ,
सुर छलके यहाँ वहां ,
ग़ज़ल बनी धीरे धीरे |
अक्षत डबराल
शब्द चुने हीरे हीरे |
सुर के जोड़े कुछ सिरे ,
ग़ज़ल बनी धीरे धीरे |
मोती सी कुछ बूदें लीं,
बिजली सी फुलझरियां लीं |
दिए सी टिमटिमाती ,
मद्धम लय की लड़ियाँ लीं |
फूलों से कुछ खुशबू ली ,
हवाओं से कुछ नमी ली |
चाँद से ज़मीं पे आती ,
ठंडी धुली रौशनी ली |
भावों का लेकर धागा ,
ये सब उसमें पिरो दूँ धीरे धीरे ,
सुर छलके यहाँ वहां ,
ग़ज़ल बनी धीरे धीरे |
अक्षत डबराल
मंगलवार, 6 अक्टूबर 2009
I believe in self, that i'll over come,
what may come.
I believe in action, that i'll perform,
to sail every storm.
I believe in strength, that i'll gather,
as i go on farther.
I believe in spirit , that toils and toils,
and never rests.
I believe in character, that stays intact,
and never bends.
I believe in courage, that i'll stand,
till it all ends.
Akshat Dabral
what may come.
I believe in action, that i'll perform,
to sail every storm.
I believe in strength, that i'll gather,
as i go on farther.
I believe in spirit , that toils and toils,
and never rests.
I believe in character, that stays intact,
and never bends.
I believe in courage, that i'll stand,
till it all ends.
Akshat Dabral
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