कभी राह की तलाश में चलिए,
चौराह मिल जाएगा ।
कभी उजाले की तलाश में चलिए,
सवेरा मिल जाएगा ।
कभी बूँद की तलाश में चलिए,
समंदर मिल जाएगा ।
कभी खुद की तलाश में चलिए ,
मुकद्दर मिल जाएगा ।
अक्षत डबराल
"निःशब्द"।
चौराह मिल जाएगा ।
कभी उजाले की तलाश में चलिए,
सवेरा मिल जाएगा ।
कभी बूँद की तलाश में चलिए,
समंदर मिल जाएगा ।
कभी खुद की तलाश में चलिए ,
मुकद्दर मिल जाएगा ।
अक्षत डबराल
"निःशब्द"।
short and pithy, well written
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