जीवन पाने की ख़ुशी,पूछिए एक पेड़ बाँझ से |
सुहागन होने की ख़ुशी,पूछिए एक सुन्दर सांझ से |
सफलता पाने की ख़ुशी,पूछिए एक चींटी से |
घर लौट आने की ख़ुशी,पूछिए एक पंछी से |
सहारा पाने की ख़ुशी,पूछिए एक नाज़ुक बेल से |
अंत हो जाने की ख़ुशी,पूछिए बच्चों के खेल से |
सूर्य पाने की ख़ुशी,पूछिए एक सूरजमुखी से |
और ख़ुशी पाने की ख़ुशी,पूछिए एक इंसान दुखी से |
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
कोमल भावों से सजी ..
जवाब देंहटाएं..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!