क्या किसी कि काबिलियत ,
तुल सकती है उसके इत्र कि सुगंध से ?
क्या किसी का बड़प्पन ,
दिख सकता है उसके कपड़ों के ढंग से ?
क्या किसी के वंश का अनुमान ,
लग सकता है उसके रंग से ?
क्या किसी की सोच का संकेत ,
मिल सकता है उसके संग से ?
क्या किसी की ख़ुशी की गहराई ,
दिख सकती है उसकी उमंग से ?
और किसी की दर्द की सीमा ,
दिख सकती है माथे की शिकन से ?
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंकिसी के अंतस का अंदाज़ा उसकी बाह्य गतिविधियों से नहीं लग सकता...
क्या किसी की ख़ुशी की गहराई ,
जवाब देंहटाएंदिख सकती है उसकी उमंग से ?
और किसी की दर्द की सीमा ,
दिख सकती है माथे की शिकन से ?
dikhti hai... aankhen band ker lete hain log yaa pher lete hain