बहुत कमाया पैसा ,
बहुत चाहा ऐसा ,
पर इसकी दुकान दिखती नहीं |
मुस्कान , बिकती नहीं |
कुदरती होती है बचपन में ,
ज्यादा दिन टिकती नहीं |
इंसान लाख चाहता है खरीदना ,
मुस्कान , बिकती नहीं |
जिसकी चेहरे पर हो नफीस खिली ,
छिपाए ये छिपती नहीं |
फ़ौरन दिखती गर हो नकली ,
मुस्कान , बिकती नहीं |
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
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