ओ , अपना मिलना हो तो ऐसा हो ,
दो बादलों के जैसा हो |
पिघल के हो जाएँ एक ,
सब कुछ एक जैसा हो |
... मिलना हो तो ऐसा हो |
ओ , अपना साथ हो तो ऐसा हो ,
चाँद चांदनी जैसा हो |
एक गर न हो यहाँ ,
दूजा फिर कैसा हो ?
... मिलना हो तो ऐसा हो |
ओ , अपना जीना हो तो ऐसा हो ,
एक मिसाल देने जैसा हो |
जी जाएँ कई कई ज़िन्दगी ,
एक एक पल कहानी जैसा हो |
... मिलना हो तो ऐसा हो |
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
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