किसकी सुनूँ , दिल की या दिमाग की ?
किससे कहूँ , किसने मतलब की बात की ?
कैसे कहूँ , की सपने कोरे कागज़ थे ?
कैसे कहूँ , की जीवन मुश्किल किताब थी ?
कब जियूं , जीने की कहाँ मोहलत थी ?
कैसे जियूं , रब ने कब रहमत दी ?
कैसे कहूँ , दुनिया कब सहमत थी ?
कैसे सहूँ , चमकी कब किस्मत थी ?
किसको ढुंढूँ , कौन मेरा अपना था ?
कैसे ढूंढूं , जब टूटा मेरा सपना था ?
किसको पूछूँ , अपने घर का रस्ता ?
कैसे पूछूँ , मैं महंगा या सस्ता ?
कैसे सुनूँ , वो चुभते सवाल ?
कैसे चुनूँ , दम तोड़ते ख्याल ?
कैसे कहूँ , की बस यही कहना है ?
कैसे सहूँ , अभी जिंदा रहना है ?
अक्षत डबराल
"निःशब्द"
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