गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

लक्ष्य कितना दूर है ?

प्रातः उठते स्वयं से ,
प्रश्न मैं यही करता |
क्या तैयारी पूर्ण है ?
लक्ष्य कितना दूर है ?

सघन स्पर्धा है बड़ी ,
परीक्षा अतिशय कड़ी |
सफल हो , क्या तू वह शूर है ?
लक्ष्य कितना दूर है ?

अपने प्रश्नों का उत्तर ,
सहज ही मैं पा जाता |

जुटा साहस , बढ़ा कदम चल ,
राह भले ही क्रूर है |
साँस लेना उतना चलकर ,
लक्ष्य जितना दूर है |

अक्षत डबराल
"निःशब्द"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें